work by : saifu.
जगहों में होती पेरवी और मजमों पर अपनी एक समझ और गहरे सोच-विमर्श को अपने ब्लोग पर रखना। वहा के बीते किस्से कैसे जगह को बनाते है और नई कहानीयां जगह को कैसे किसी पहचान से वाकिफ कराती हैं? कैसे किसी सवाल पर बोले जाने वाले बोल हमे ये अहसास दिलाते है कि उनकी अपनी समझ क्या है सत्ता और समाज को लेकर? और कब लगता है कि जगह के बनने मे समाजिक सवालों और पारामपरिक ढ़ाचे (जिसकी नीव बरसों से चली आ रही है) के बीच एक बहस है या स्वीकारने और नकारने का खेल जो रचनामक्ता को जगह में परोस देता है
1 comments:
वाह बहुत बढ़िया लगा! इस बेहतरीन विडियो के लिए धन्यवाद!
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