बदलेगा जामा मस्जिद इलाके का चेहरा.


पिछले कई सालों से M.C.D सरकार के आगे ये गुहार लगा रहा था कि उनको जामा मस्जिद क्षेत्र को सुधारने की अनुमति मिले और इस साल इस गुज़ारिश को स्विकार लिया गया है।
कई नियमों के तहत और बदलावों को सोचते हुए कई कढ़े कदम उठाये जाएंगे और M.C.D की अपील में ये बात साफ हो गई है कि यहां के कारोबारियों और छोटे-मोटे कामकाजो से अपनी रोज़मर्रा चला रहे लोगों का भी ध्यान रखा जाएग। लेकिन इन सब के पीछे का सच यही है कि छोटे कारोबारी लोग विकास के दौरान रोंध दिए जाएंगे।
बदलाव जामा मस्जिद इलाके की रोज़मर्रा में ही नहीं वहां की रोज़मर्रा से जुड़े लोगों की रोज़मर्रा में भी आएगा।
ये ज़ाहिर सी बात है- मीना बाज़ार, जामा मस्जिद गेट नम्बर 1 और 2 के आगे जितने भी छोटे-मोटे कामों से जगह सजी रहती है उनको सुधार के दौरान जगह को चौड़ा और सुंदर दिखाने के लिए हटा दिया जाएगा।

स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन ने इस योजना को 'महात्वाकांक्षी योजना' बताया है और कॉन्फ्रेंस में ये बयान दिया है कि जामा मस्जिद, लाल किला, चाँदनी चौक को उनका वास्तविक रूप दिया जाए और जहां तक हो सके आस-पास के कारोबारीयों का भी ध्यान रखा जाए।
चेयरमैन ने इस बयान में ये बात साफ कर दी है कि ये निर्णय हाई कोर्ट का है। इन योजना से पहले हाई कोर्ट ने M.C.D से कई मानदंडों और रिपोर्टों की मांग की है और इस मांग के पीछे हाई कोर्ट ये चाहता है कि रिपोर्ट को देखकर वो ये बात साफ करले कि इस पुनर्विकास के निर्माण कार्यों से इस एतिहासिक स्थलों पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। और जहां तक कोशिश की बात है- M.C.D इस बात का विशेष ध्यान रखेगी कि जामा मस्जिद के मुख्य ढ़ाचे को सुरक्षित रखा जाऐ।

सैफू.

2 comments:

Urmi August 19, 2009 at 6:29 AM  

बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! जामा मस्जिद इलाके का चेहरा बदलना अत्यन्त आवश्यक है! उम्मीद है की दिल्ली में काफी तबदीली आयेगी!

Urmi August 20, 2009 at 12:13 PM  

वाह बहुत बढ़िया लगा! बड़ा ही मज़ेदार शायरी! लाजवाब!

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